Follow Ayush Sahu On
Stck Reader Ayush Sahu's stories, at your fingertips as soon as they are published
हमारे साथ आइयें, आपने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है।
Delightful Reading Experience
Experience stories by Ayush Sahu in a whole new light
Good morning
Ayush Sahu Me Liya
One Home for All Purchases
Pick up stories where you left off and discover new stories
अब की बार 400 पार, कहां से आएगी अतिरिक्त सीटें
अब की बार 400 पार, कहां से आएगी अतिरिक्त सीटें अब की बार 400 पार कहकर बीजेपी पार्टी ने देश में एक नैरेटिव तैयार कर दिया है,क्या यह सिर्फ एक चुनावी जुमला है या बीजेपी इस बार सही में 400 पार का आंकड़ा पार करेगीं। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को 303 सीटें मिली थी और एनडीए गठबंधन को 353 सीटें मिली थी। इतिहास में यह आंकड़ा सिर्फ एकबार कांग्रेस ने 1984 में प्राप्त किया था। जिसका कारण इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या थी जिस वजह से पूरे देश में सहानुभूति की लहर चल रही थी। अगर हम पिछली बार के चुनाव का विश्लेषण करे तो सर्जिकल स्ट्राइक से वैसी ही सहानुभूति की लहर चली थी जेैसी इंदिरा गांधी के समय थी। पर सोचने की बात है यह अतिरिक्त सीट कहा से मिलेंगी,अगर हम हिंदी पट्टी के राज्यों की बात करें और चुनावी गणित का हिसाब लगाए तो राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात में भाजपा ने 2019 में सभी की सभी सीटों पर चुनाव जीता था। इन राज्यों में सभी की सभी सीट जीत पाना एक चुनौती है। पिछले चुनाव में भाजपा ने उत्तरप्रदेश में 80 में से 62 सीट जीती थी। इस बार सीटों में और इजाफा हो सकता है साथ ही बीएसपी किसी गठबंधन में शामिल नहीं हुई है जिससे वोट बंट सकते है। उड़ीसा, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सर्वे और रिपोर्टों के अनुसार इन राज्यों के समीकरणों पिछले साल की तरह ही रहने वाले है। अगर हम बात करें महाराष्ट्र और बिहार में मुकाबला टक्कर का होगा। महाराष्ट्र में 48 में से 41 सीट भाजपा और शिवसेना के गठबंधन को मिली थी। वहीं एनसीपी और कांग्रेस को 5 सीट मिली थी इस बार कुछ सीटों की कमी हो सकती है क्योंकि दलबदल की राजनीति से उद्धव, शरद पवार को कुछ सहानुभूति मिल सकती है। वही बिहार में नीतीश कुमार के बार-बार पाला पलटने और बिहार के मुद्दों को उठाने से लग रहा है कि तेजस्वी यादव को कुछ राजनीतिक बढ़त मिल सकती है। पंजाब में भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन टूट गया है किसान आंदोलन और एमएसपी के कारण कोई अतिरिक्त सीट मिलने का आसार नहीं दिख रहा है। वहीं जम्मू की दो सीट छोड़ दे तो लद्दाख में लगातार आंदोलन जारी है वहां भी कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। दक्षिण की 130 सीटों की बात करें तो तमिलनाडु और केरल में पीएम की रैली का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। वहीं आंध्रप्रदेश में वाईएसआरसीपी और टीडीपी जैसी पार्टियों का दबदबा है इस बार टीडीपी और बीजेपी का गठबंधन है। भाजपा यहां अपनी किस्मत आजमा रही हैं। कर्नाटक के लोकसभा चुनाव में 28 में से 26 सीट एनडीए ने जीती था। पर इस बार के विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने वहां अपना दबदबा बनाया है और बीजेपी को यहां टक्कर मिलने की संभावना है। नॉर्थ ईस्ट की बात करे तो यहां 25 में से 19 सीट बीजेपी और उसके गठबंधन को मिली थी। लेकिन मणिपुर हिंसा और आंतरिक अशांति के कारण यहां भी कोई अतिरिक्त सीट मिलने की आशंका नहीं है। अब देखना बाकी है कि यह एक चुनावी जुमाला है या बीजेपी 400 पार का नैरेटिव बनाने में सफल होती है। यह कोई असंभव आंकड़ा नहीं है अगर बीजेपी को क्षेत्रीय पार्टी का साथ मिलता है। तो यह आंकड़ा आसानी से पार किया जा सकता हैं। वहीं इंडिया गठबंधन का मुख्य कार्य भाजपा को 400 का आंकड़ा छूने से रोकना है
Write a comment ...